
नई दिल्ली/मेलबर्न: टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने मंगलवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। सूत्रों ने बताया कि भारतीय क्रिकेट टीम के ऑस्ट्रलिया दौरे पर खराब प्रदर्शन के बाद धोनी ने यहा कड़ा फैसला लिया। वहीं, बीसीसीआई ने भी धोनी के संन्यास लेने की पुष्टि कर दी है। गौर हो कि धोनी ने संन्यास का यह फैसला मेलबर्न में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए तीसरे टेस्ट के तुरंत बाद लिया। इस बीच, भारत-आस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे टेस्ट सीरीज के तहत बाकी बचे एक मैच में विराट कोहली कप्तानी करेंगे। धोनी ने दिसंबर 2005 में टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरु किया था। वे अब तक टेस्ट क्रिकेट में 6 शतक बनाए हैं।
बीसीसीआई ने एक बयान में कहा, भारत के महानतम टेस्ट कप्तानों में से एक महेंद्र सिंह धोनी जिसके नेतृत्व में भारत टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक बना, ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों में खेलने के दबाव का हवाला देकर टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है। बयान के अनुसार, महेंद्र सिंह धोनी ने वनडे और टी20 प्रारूपों पर ध्यान लेने के लिए तुरंत प्रभाव से टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है। टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के महेंद्र सिंह धोनी के फैसले का सम्मान करते हुए बीसीसीआई टेस्ट क्रिकेट में उनके योगदान और भारत को दिलाए गौरवपूर्ण लम्हों के लिए उन्हें धन्यवाद देता है।
महेंद्र सिंह धोनी ने आज क्रिकेट जगत को हैरान करते हुए तुंरत प्रभाव से टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की जिससे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा सीरीज के चौथे और अंतिम टेस्ट में विराट कोहली को कप्तानी की जिम्मेदारी संभालनी होगी। यहां तीसरा टेस्ट ड्रॉ होने के साथ भारत के सीरीज गंवाने के तुरंद बाद धोनी ने संन्यास की घोषणा की। धोनी ने भारत की ओर से 90 टेस्ट खेले जिसमें से 60 में उन्होंने कप्तानी की। बीसीसीआई ने एक बयान में कहा, भारत के महानतम टेस्ट कप्तानों में से एक महेंद्र सिंह धोनी जिसके नेतृत्व में भारत टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक बना, ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों में खेलने के दबाव का हवाला देकर टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है।Buy Dhoni's Book Now
बयान के अनुसार, महेंद्र सिंह धोनी ने वनडे और टी20 प्रारूपों पर ध्यान देने के लिए तुरंत प्रभाव से टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है। टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के महेंद्र सिंह धोनी के फैसले का सम्मान करते हुए बीसीसीआई टेस्ट क्रिकेट में उनके योगदान और भारत को दिलाए गौरवपूर्ण लम्हों के लिए उन्हें धन्यवाद देता है। मेलबर्न में आज मैच ड्रॉ होने के बाद भारत सीरीज में 0-2 से पिछड़ रहा है और चौथे टेस्ट में अब कोहली टीम की अगुआई करेंगे। बीसीसीआई ने कहा, सिडनी में छह जनवरी 2015 से खेले जाने वाले चौथे और अंतिम टेस्ट के लिए विराट कोहली भारतीय टीम के कप्तान होंगे।
धोनी ने हालांकि मैच के बाद पुरस्कार वितरण समारोह या प्रेस कांफ्रेंस के दौरान संन्यास के बारे में कुछ नहीं कहा। उनके संन्यास की घोषणा बीसीसीआई ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिये की। धोनी की अगुआई में भारत ने दो विश्व कप (2007 में ट्वेंटी20 विश्व चैम्पियनशिप और 2011 विश्व कप) जीते लेकिन टेस्ट क्रिकेट में विदेशों में टीम के खराब प्रदर्शन के लिए इस 33 वर्षीय विकेटकीपर को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था। उनकी अगुआई में भारत ने विदेशों में 30 टेस्ट में सिर्फ छह जीत दर्ज की।

टीम को 2011 में इंग्लैंड और 2011-12 में ऑस्ट्रेलिया में उनकी अगुआई में शर्मनाक क्लीनस्वीप का सामना करना पड़ा। इसके अलावा टीम ने दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के खिलाफ भी सीरीज गंवाई और इस साल इंग्लैंड दौरे पर टीम को दोबारा शिकस्त झेलनी पड़ी। इसके बावजूद यह विकेटकीपर बल्लेबाज भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक है। उनकी अगुआई में टीम 2009 में आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंची। विदेशों में टीम के लगातार खराब प्रदर्शन के कारण धोनी पर कप्तानी छोड़ने का दबाव बढ़ रहा था और पूर्व खिलाड़ी और आलोचक पांच दिवसीय प्रारूप में उनकी रक्षात्मक कप्तानी पर सवाल उठा रहे थे।
इन आलोचनाओं के बावजूद धोनी आज 3454 रन के साथ टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले भारतीय कप्तान बने। उन्होंने सुनील गावस्कर (3449) को पीछे छोड़ा जबकि इस सूची में मोहम्मद अजहरूद्दीन (2856) और सौरव गांगुली (2561) भी शामिल है।
धोनी की कप्तानी में भारत ने 60 टेस्ट खेले जिसमें से टीम 27 में जीत दर्ज करने में सफल रही जबकि 18 में उसे हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा 15 मैच बराबरी पर छूटे। कई पूर्व कप्तानों ने घोषणा की थी कोहली के धोनी से कप्तानी की बागडोर लेने का समय आ गया है क्योंकि उन्हें अपनी कप्तानी में कुछ नया लाने में जूझना पड़ रहा है।
धोनी ने 2008 में अनिल कुंबले से कप्तानी की बागडोर संभालने के बाद काफी सफलता हासिल की और 2013 में वह गांगुली के 49 टेस्ट में 21 जीत के रिकार्ड को पीछे छोड़कर भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान बने। विदेशों में भले ही धोनी का कप्तानी रिकॉर्ड खराब हो लेकिन घरेलू सरजमीं पर टीम इंडिया ने उनकी अगुआई 30 मैचों में 21 जीत दर्ज की।Buy Dhoni's Book Now
संन्यास लेने से ठीक पहले भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने तीसरे टेस्ट के ड्रॉ होने के साथ बोर्डर गावस्कर ट्रॉफी गंवाने के बाद कहा कि उनकी टीम पहले से ही मुश्किल दौरे पर खुद को परेशान करने के तरीके ढूंढ रही है। ऑस्ट्रेलिया के 384 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने जब एमसीजी पर छह विकेट पर 174 रन बनाए थे तब दोनों कप्तान मैच ड्रा कराने को राजी हो गए। ऑस्ट्रेलिया ने इसके साथ दोबारा बोर्डर गावस्कर ट्रॉफी जीत ली और धोनी ने कहा कि इस नतीजे के लिए वे खुद ही जिम्मेदार हैं। धोनी ने मैच के बाद कहा, हमने खुद को परेशान करने के तरीके ढूंढ लिए हैं। अब तक सभी टेस्ट मैचों में मुझे लगता है कि हमने अचछी साझेदारी की और फिर अचानक कुछ विकेट गंवाए और अपने ऊपर दबाव बना लिया।
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