Monday 12 January 2015

दिल्ली विधानसभा-7 को मतदान, 10 फरवरी को परिणाम-delhi-to-vote

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नई दिल्ली: दिल्ली में सात फरवरी को विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे और मतगणना दस फरवरी को होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने आज चुनाव तारीखों की घोषणा की, जिसके साथ ही तत्काल प्रभाव से यहां आदर्श चुनाव आचार संहिता प्रभावी हो गई है।
मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दिल्ली में एक करोड़ 30 लाख वोटर हैं, जिनके लिए 11,763 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि चुनाव के लिए अधिसूचना 14 जनवरी को जारी की जाएगी, जबकि नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 21 जनवरी होगी। 22 जनवरी को नामांकन पत्रों की छंटनी की जाएगी, और उन्हें वापस लिए जाने की अंतिम तिथि 24 जनवरी रहेगी। दिल्ली में मतदान एक ही चरण में 7 फरवरी को करवाया जाएगा, जबकि मतगणना 10 फरवरी को होगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक, दिल्ली विधानसभा की कुल 70 में से 12 सीटें आरक्षित हैं, और नामांकन पत्र में उम्मीदवारों के लिए सभी कॉलम भरना अनिवार्य होगा। आयोग की नीति चुनावों को बच्चों की सालाना परीक्षाओं से पहले पूरी करने की है। सीबीएसई की परीक्षाएं 2 मार्च से शुरू हो रही हैं जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि चुनाव इससे पहले ही करवा लिए जाएंगे।

राज्य आयोग के लिए राहत की एक बात यह भी है कि देश में अभी फिलहाल किसी दूसरे राज्य में चुनाव नहीं है। लिहाजा, वोटिंग के दौरान अर्द्धसैनिक बलों की उपलब्धता को लेकर भी कोई समस्या नहीं है। सुरक्षा जानकारों की मानें तो दिल्ली में चुनाव के लिए सीआरपीएफ की 100 कंपनियां पर्याप्त होंगी। 2013 में दिल्ली में हुए चुनावों में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। लेकिन, कांग्रेस के सहयोग से अरविंद केजरीवाल ने राज्य में सरकार बनाई थी। हालांकि 49 दिन के बाद ही केजरीवाल ने फरवरी 2014 में इस्तीफा दे दिया था।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि दिल्ली विधानसभा को भंग करने के राष्ट्रपति के आदेश की मियाद 15 फरवरी को समाप्त हो रही है और जनादेश को बहाल करने के लिए चुनाव आयोग ने चुनाव कराने का निर्णय किया है जहां परिणाम पंद्रह फरवरी से पहले आ जाएंगे।

एक सवाल के जवाब में संपत ने कहा कि इस अवधि के दौरान चूंकि देश के किसी अन्य भाग में चुनाव नहीं हो रहा है, इसलिए सभी राजनीतिक दलों का फोकस दिल्ली के विधानसभा चुनाव पर होगा, लिहाजा यहां धुआंधार राजनीतिक प्रचार होने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने दिल्ली में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पूरे उपाय किए हैं और धनबल के इस्तेमाल को रोकने के लिए सभी उपाय किये जाएंगे।

दिल्ली में पिछला विधानसभा चुनाव दिसंबर 2013 में हुआ था लेकिन इस चुनाव में किसी को बहुमत नहीं मिला। 31 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को 28 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को मात्र आठ सीटें हासिल हुई थीं।

आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के समर्थन ने सरकार बनाई थी, लेकिन यह सरकार 49 दिन ही चली और केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया

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