“हर सुबह मैं पंद्रह मिनट अपने मस्तिष्क में प्रभु की भावनाओं को समाहित करता हूं; और इस प्रकार से चिंता के लिए इसमें कोई स्थान रिक्त नहीं रहता है.”
-हॉवर्ड शैंडलर क्रिस्टी

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